"पत्रं पुष्पं फलं तोयं..." इत्यस्य संस्करणे भेदः
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पङ्क्तिः १: | पङ्क्तिः १: | ||
{{पृष्ठपट्टिका-सुभाषितम् |
|||
<poem> |
|||
|शीर्षकम् =सुभाषितम् |
|||
'''पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति ।''' |
|सुभाषितम्='''पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति ।''' <br /> |
||
'''तदहं भक्त्युपहृतम् अश्रामि प्रयतात्मनः ॥''' |
'''तदहं भक्त्युपहृतम् अश्रामि प्रयतात्मनः ॥''' <br /> |
||
'''अर्थ:''' |
|||
⚫ | |||
</poem> |
|||
⚫ | |||
}} |
|||
[[वर्गः:पकारादीनि सुभाषितानि]] |
[[वर्गः:पकारादीनि सुभाषितानि]] |
||
[[वर्गः:विषयविभागः करणीयः]] |
[[वर्गः:विषयविभागः करणीयः]] |
१६:२१, ९ अक्टोबर् २०१७ समयस्य संस्करणम्
सुभाषितम्
पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति ।
तदहं भक्त्युपहृतम् अश्रामि प्रयतात्मनः ॥
तात्पर्यम्
य: मह्यं पत्रं पुष्पं फलं जलं च भक्त्या ददाति अहं भक्तियुक्तं तत् सर्वं स्वीकरोमि।