भोगा न भुक्ता वयमेव भुक्ता: …

विकिसूक्तिः तः

भोगा न भुक्ता वयमेव भुक्ता:

तपो न तप्तं वयमेव तप्ता:।

कालो न यातो वयमेव याता:

तृष्णा न जीर्णा वयमेव जीर्णा:॥

हमने भोग नहीं भुगते, बल्कि भोगने ही हमें भुगता है ।

हमने तप नहीं किया, बल्कि हम स्वयं ही तप्त हो गये हैं ।

काल पसार नहीं हुआ, हम ही पसार हुए हैं ।

तृष्णा जीर्ण नहीं हुई, पर हम ही जीर्ण हुए हैं ।