त्यक्तसर्वधनभोगया...
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त्यक्तसर्वधनभोगया तया काञ्चनं मृगमवेक्षमाणया।
वाञ्छितो यदविवेकतो मृगो दुस्तरा प्रबलभोगलालसा॥