लालयेत् पञ्च वर्षाणि...
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‘लालयेत् पञ्च वर्षाणि, ताडयेत् दश वर्षाणि ।
प्राप्ते सम्प्राप्ते षोडशे वर्षे पुत्रं मित्र समाचरेत।’
यह सूक्ति के द्वारा कहा गया है कि संतान को पांच वर्ष की आयु तक लालन अर्थात प्यार किया जा सकता है। दश वर्ष से ताड़न अर्थात शिक्षण देना चाहिये। परंतु सोला साल की उम्र पर माता पिता को संतान से मित्र के समान व्यवहार करना चाहिए।